राष्‍ट्रीय

दीपेन्द्र हुड्डा ने रेवाड़ी एम्स के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री का किया धन्यवाद, बजट बढ़ाने की मांग की

सत्य खबर,चंडीगढ़ : 

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रेवाड़ी एम्स के शिलान्यास के लिए भारत के प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि 9 साल के इंतजार के बाद उन्हें इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री के हाथों इस महत्त्वपूर्ण परियोजना का शिलान्यास हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग करी कि इस वर्ष जितना बजट रेवाड़ी एम्स को दिया है उस हिसाब से रेवाड़ी एम्स की इमारत बनने में ही करीब 12 साल लग जाएंगे, इसलिये बजट आवंटन बढ़ाया जाए। दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया कि यह क्षेत्र जय जवान, जय किसान के नारे को चरितार्थ करता हुआ देश की फौज में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला क्षेत्र है। इस इलाके के युवाओं के जज्बे को देखते हुए आपसे मांग है कि अग्निपथ योजना को खत्म करके फौज में तुरंत पक्की भर्ती शुरु की जाए और भारतीय फौज में अहीर रेजिमेंट का गठन किया जाए।

Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा
Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा

दीपेन्द्र हुड्डा ने रोहतक-महम-हांसी सेक्शन पर नयी रेल सेवा के शुभारम्भ पर खुशी जताते हुए कहा कि यूपीए सरकार के समय इस महत्वाकांक्षी परियोजना को उन्होंने काफी भाग दौड़ करके 09-नवम्बर-2011 को योजना आयोग से मंजूर कराया। 15-नवम्बर-2011 को काँग्रेस की हुड्डा सरकार ने भूमि की पूरी लागत वहन करने की स्वीकृति दी। वर्ष 2012-13 के रेल बजट में केन्द्र सरकार से फाइनल मंजूरी के साथ 385 करोड़ रुपया आवंटित कराकर 28-जुलाई- 2013 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हांसी में रेल-रोड रैली करके रोहतक-महम-हांसी रेल परियोजना का शिलान्यास किया और प्रारम्भिक काम शुरु करा दिया था। इस संबंध में कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने 07-अक्टूबर-2013 एवं 20-दिसंबर-2013 को भूमि अधिग्रहण की धारा 4 तथा 26-जून-2014 को भूमि अधिग्रहण की धारा 6 के अन्तर्गत कार्रवाई शुरु कर दी थी।

लेकिन 2014 में सरकार बदलने के बाद इस परियोजना की फाइल गुम होने जैसी बाधाएं आने से इसका काम लटक गया। हरियाणा सरकार की नीयत इस रेल लाइन को न बनाने की थी। यही कारण है कि बेवजह देरी के चलते परियोजना की लागत 211.31% बढ़कर ₹893.45 करोड़ हो गई। इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाले जाने के विरोध में उन्होंने हांसी में और महम में धरना भी दिया था। जनदबाव में सरकार को नवम्बर 2017 में इसका काम दोबारा शुरू करना पड़ा। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि वर्षों की देरी के बाद आज उनका ये सपना साकार हुआ इस बात का उन्हें संतोष है।

Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार
Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार

 

Back to top button